Lata Mangeshkar Full Life Story in Hindi| Lata Mangeshkar Biography in Hindi

दोस्तो आज हम ऐसी महिला शख्सियत के बारे में बात करेंगे, जिसने अपनी सुरीली आवाज के दम पर न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के हर कोने में अपनी पहचान बनाई। लेकिन वो कुछ दिन पहले ही कोरोना पॉजिटिव हुई थी, और हॉस्पिटल में आईसीयू (ICU) में एडमिट थी। लेकिन वह कोरोना से लड़ ना सकी, और उनका कोरोना के कारण निधन हो गया। 

लोग उन्हें उनकी प्रतिभा की वजह से “राग की रानी” (Queen of Melody), “राष्ट्र की आवाज” (Voice of the Nation) और “सहस्राब्दियों की आवाज” (Voice of the Millennium) जैसे कई अलग अलग नामों से भी बुलाते थे। जी हां दोस्तों, हम बात कर रहे हैं अपने गानों से लोगों के दिलों पर राज करने वाली भारतीय सिंगर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की, जिनके गाने तो हम सभी ने सुने ही होंगे। 

Lata Mangeshkar Full Life Story in Hindi

हालाँकि हम लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को बतौर एक सिंगर तो जानते ही हैं, लेकिन बहुत ही कम लोगों को उनकी जीवन की कहानी (Life Story) और उनकी सफलता के पीछे की मेहनत का पता होगा। तो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम सभी समय के सबसे लोकप्रिय गायक “लता मंगेशकर” (Most Popular Singer of All Time Lata Mangeshkar) की पूरी जीवन की कहानी (Life Story of Lata Mangeshkar) को जानेंगे। की किस तरह एक आम परिवार में पैदा होने वाली लड़की बनी पूरे देश की आवाज?

तो दोस्तों इस कहानी की शुरुआत होती है 28 सितंबर 1929 को, जब मध्यप्रदेश के इंदौर में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम दीनानाथ मंगेशकर (Dinanath Mangeshkar) था। जो कि एक गायक और थिएटर ऐक्टर थे। और उनकी मां का नाम शेवंती मंगेशकर (Sheventi Mangeshkar) था। Also Read: Gangubai Kathiawadi Real Life Story in Hindi

How Lata Mangeshkar Started Singing?

और दोस्तो वैसे तो लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का नाम शुरुआत में हेमा (Hema Mangeshkar) रखा गया था। लेकिन बाद में चलकर उनके पिता ने उनका नाम अपने प्ले के कैरक्टर लतिका (Latika Mangeshkar) के नाम पर लता रख दिया। और लता जब सिर्फ पांच साल की थी, तभी से उन्होंने अपने पिता को एक म्यूजिकल नाटक के लिए बतौर ऐक्ट्रेस काम करना शुरू कर दिया। 

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और बचपन में स्कूल के समय से ही उन्होंने गाने की प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी थी। यहां तक कि वो अपने घर पर अपने पिता से गाना सीखती थीं, और फिर स्कूल में जाकर वो बच्चों को सिखाती थी। लेकिन एक दिन स्कूल के टीचर ने उन्हें इसके लिए खूब फटकार लगाई। और तभी से लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने स्कूल जाना ही बंद कर दिया। और अक्सर काफी छोटी उम्र से ही लता अपने पिता के शिष्यों को और उनकी गलतियों को पकड़कर उन्हें सही सुर बताती थी। और ये सब कुछ देखकर उनके पिता जान चुके थे कि ये हीरा तो उनके घर में ही है। 

Lata Mangeshkar Story in Hindi

और फिर उन्होंने लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को भी अच्छी तरह से ट्रेनिंग दिलानी शुरू कर दी। हालाँकि जब लता मंगेशकर सिर्फ 13 साल की थीं, तब दिल की बीमारी की वजह से उनके पिता की मृत्यु हो गई, और उस टाइम पर उनके परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। और फिर अपने पिता के देहांत के बाद, घर की सारी जिम्मेदारी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के ऊपर आ गई थी। क्योंकि वो अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी थी। 

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और इस मुश्किल समय में लता के पिता के मास्टर, “विनायक” (Vinayak) ने उनके परिवार की खूब मदद की, और उन्होंने ही लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को बतौर एक सिंगर करियर स्टार्ट करने में मदद की। और फिर पहली बार लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने एक मराठी फिल्म के लिए गाना गाया। लेकिन अफसोस उनका ये गाना फाइनल में जगह नहीं बना सका। हालांकि अभी भी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने निराश ना होकर, अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। और फिर 1942 में पहली बार उनके गाने की पहेली “मंगल गुआर” नाम की एक मराठी मूवी में सुनी गई। 

Lata Mangeshkar Life Changing Songs

और अगले ही साल उन्होंने एक हिंदी गाना भी गाया, जिसके बोल थे, “माता एक सपूत की दुनिया बदल दे तू”। और फिर जब लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को ये लगने लगा कि ये इस क्षेत्र में काफी सफल हो सकती है, तो 1945 में वो पूरी तरह से मुंबई शिफ्ट हो गई। और फिर यहां पर आने के बाद उन्होंने अपने कौशल को और बेहतर करने के लिए, “उस्ताद अमानत अली खान” से म्यूजिक सीखा। हालांकि इसी बीच से उनके सबसे बड़े सहयोगी मास्टर विनायक की भी मृत्यु हो गई। और अब आगे उपदेशक के तौर पर, “गुलाम हैदर” (Gulam Haider) ने लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के लिए काम किया। 

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और फिर गुलाम हैदर ने ही लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को “शशधर मुखर्जी” के नाम के प्रोड्यूसर से मिलवाया, जिन्होंने लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की आवाज़ को ये कहकर नकार दिया कि वो बहुत ही पतली है। पर उनके ये कहने पर गुलाम हैदर काफी गुस्सा हुए, और उन्होंने गुस्से में कहा, “मुखर्जी साहब, आप देख लेना कि दुनिया के सारे प्रोड्यूसर और डायरेक्टर एक दिन लता लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के पैरों में गिरकर उनसे उनकी फिल्मों में गाने की भीख मांगेंगे”। 

Lata Mangeshkar Success Story in Hindi

और फिर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को उनके जीवन में अभी तक की सबसे बड़ी सफलता मिली 1948 में। जब उन्होंने “मजदूर फिल्म” (Majdoor Movie) का गाना गाया। जिसके बोल थे, “दिल मेरा तोड़ा, मुझे कहीं का नहीं छोड़ा”। और ये गाना पूरे भारत में बहुत बड़ा हिट साबित हुआ। और अब सच में म्यूजिक डायरेक्टर्स उनके साथ काम करने का सपना देखते थे। और फिर आगे चलकर लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) ने शंकर, नौशाद अली, एसडी बर्मन, अमर नाथ, हुसन लाल और भगतवान जैसे बड़े बड़े म्यूजिक डायरेक्टर के साथ काम किया, और अपने आवाज़ से उन्होंने बहुत जल्द लोगों के दिलों में अपनी एक अलग ही जगह बना ली। 

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हालाँकि सफलता के साथ ही लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) जी के दुश्मन भी काफी बढ़ चुके थे। और इसलिए वह 1962 में तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें यह पता लगा था कि थोड़ी थोड़ी मात्रा में उन्हें कोई ज़हर दे रहा था। और फिर अच्छी तरह से जाँच पड़ताल से ये पता चला कि वो आदमी उनका खाना बनाने वाला था, जो भागने में कामयाब रहा। हालाँकि कुछ महीनों के बाद रेस्ट करने के बाद से लता पूरी तरह से स्वस्थ हो गई। 

Lata Mangeshkar Biography in Hindi

और फिर 27 जनवरी 1963 को वो उस समय के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Pt. Jawahar Laal Nehru) के सामने आई। “मेरे वतन के लोगों” का गाना गाया, और कहते हैं कि इस गाने को सुनकर वहां पर बैठे सभी लोगों की आखों में आंसू आ गए थे। और फिर आगे चलकर संगीत जगत में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को योगदान के लिए लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को पद्मभूषण (Padam Bhushan Puraskar), दादा साहब फाल्के अवार्ड (Dadasaheb Phalke Award), राजीव गांधी अवार्ड (Rajiv Gandhi Award), और भारत रत्न (Bharat Ratan Award) जैसे कई बड़े बड़े सम्मान मिले। और ये सभी पुरस्कार अपने आप में लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) की सफलता की कहानी बताते हैं। 

पर हाँ दोस्तों, लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) भारत की वो महिला है, जिन पर सभी को गर्व है। और खासकर जो इनकी आवाज हमें एक अलग ही सुकून देती है। दोस्तों लता मंगेशकर की पूरी कहानी (Lata Mangeshkar Full Story in Hindi) जानकर कैसा लगा आपको? हमें निचे कमेंट करके बताए।

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