26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) क्यों मनाया जाता है?

दोस्तों जैसा कि हम सब जानते हैं, 26 जनवरी 2022 को आने वाला है, जिसे हम गणतंत्र दिवस (Republic Day) भी कहते हैं। लेकिन आज भी हमारे देश में कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें ये नहीं पता कि 26 जनवरी क्यों मनाया जाता है (Why we Celebrate 26th January?), गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is Republic Day Celebrated?)

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) क्यों मनाया जाता है? Why is Republic Day Celebrated on 26th January?

जैसा कि हम सब जानते हैं, हमारी मातृभूमि कई वर्षों तक ब्रिटिश सरकार के अधीन थी। उस समय अंग्रेजी हुकूमत ने भारतीय लोगों को जबरदस्ती अपने कानून का पालन करने को कहा और ना मानने वालों के साथ अत्याचार भी किया। कई वर्षों के संघर्ष के बाद, भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत और जीवन न्योछावर करने के बाद, भारत को 15 अगस्त सन् 1947 को आजादी मिली। स्वतंत्रता के ढाई (2.5) वर्ष के बाद, भारत सरकार ने स्वयं का संविधान लागू किया, और भारत को एक प्रजातांत्रिक गणराज्य घोषित किया। 

लगभग 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन के बाद, 26 जनवरी सन 1950 को भारत के संविधान को भारत की संविधान सभा में पास किया गया। इस घोषणा के बाद से, इस दिन को प्रतिवर्ष भारतीय लोग गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाने लगे। गणतंत्र दिवस (Republic Day) भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। गणतंत्र का अर्थ होता है जनता का, जनता द्वारा, जनता के लिए शाशन। 

गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी सन् 1930 को रावी नदी के तट पर, स्वतंत्रता सैनानियों ने पूर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की थी। जब 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग की घटना हुई, तो इस घटना ने ही भगत सिंह और ऊधम सिंह जैसे क्रांतिकारियों को जन्म दिया। क्योंकि यह घटना बहुत ही दुखदायी घटना थी। इसमें जनरल डायर (General Dyer) के नेतृत्व में अंग्रेजी फौज ने बूढ़े, बच्चों, और महिलाओं सहित, सब लोगों को मार डाला था। 

इस घटना के बाद सभी का दिल आजादी की आग में जलने लगा था। सब लोग भारत की आजादी के लिए बलिदान देने को तैयार थे। 26 जनवरी के दिन ही 1930 में स्वतंत्रता सेनानियों ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक भारत पूरी तरह से स्वतंत्र नहीं हो जाता, यह आंदोलन इसी तरह चलता रहेगा। 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ, और 26 जनवरी सन 1950 को हमारा देश भारत लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया। 

26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) कैसे मनाया जाता है? How is Republic Day Celebrated on 26th January?

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो भारत पर अब खुद का राज था, और अब भारत पर कोई बाहरी शक्ति शाशन नहीं कर सकती थी। भारत का संविधान लिखित एवं सबसे बड़ा संविधान है। संविधान निर्माण की प्रक्रिया में 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान समिति की प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। 26 जनवरी को दिल्ली में राजपथ पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा झंडा फहराया जाता है, राष्ट्रीय गान गाया जाता है, फिर 21 तोपों की सलामी दी जाती है। 

फिर राष्ट्रपति द्वारा विशेष सम्मान जैसे अशोक चक्र और कीर्ति चक्र दिए जाते हैं, और देश भर से चुने हुए बच्चों को बहादुरी पुरस्कार भी दिए जाते हैं। दिल्ली के राजधानी होने पर और दूसरे राष्ट्रपति का निवास स्थान होने के कारण केंद्रीय स्तर पर यह पर्व  दिल्ली में ही मनाया जाता है। 26 जनवरी के दिन ही गवर्नर जनरल (Governor General) की जगह डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) हमारे देश के राष्ट्रपति बने थे। तभी से इसी दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रपति की राजकीय सवारी भी निकाली जाती है। 

26 जनवरी के दिन जल सेना, वायु सेना, और थल सेना, टुकड़ियों की रैली करती है, और लाल किले तक पहुँचती है। परेड में सबसे अलग दिखने वाले सीमा सुरक्षा बल के जवान, जो कैमल की सवारी लेकर परेड में हिस्सा लेते हैं, जो कि पूरे संसार में एक ही ऐसी सुरक्षा बल है। भिन्न भिन्न प्रांतों से आए नर्तक अपने अपने प्रांतों की वेशभूषा में अपने कार्यक्रम को प्रस्तुत करते हैं। हर साल गणतंत्र दिवस (Republic Day) मनाना, भारतीय लोगों और दूसरे देशों में रहने वाले भारतीय लोगों के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। 

गणतंत्र दिवस (Republic Day) सभी भारतीय लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण दिन होता है, और सभी लोग बहुत ही खुशी और उत्साह के साथ इस दिन को मनाते हैं। दोस्तो इस लेख को इतना शेयर करिए ताकि आगे आने वाली पीढ़ी और यहां पर रहने वाले लोगों को पता चल सके कि 26 जनवरी का दिन इतिहास में क्यों मनाया जाता है।

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