Vedaa Movie Review: शर्वरी वाघ ने धांसू परफॉर्मेंस से किया इंप्रेस, एक्शन का ओवरडोज बना फिल्म का दुश्मन



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मूवी का नाम: वेदा
कास्ट: जॉन अब्राहम, शर्वरी वाघ और अभिषेक बनर्जी
डायरेक्टर: निखिल आडवाणी
कहां देखें: थिएटर में

‘वेदा’ की कहानी

निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘वेदा’ की कहानी राजस्थान के बारमेड़ में सेट की गई है, जहां वेदा यानी शर्वरी वाघ अपने परिवार के साथ रहती है। दलित समुदाय से होने के कारण ऊंची जाति के लोग वेदा और उसके परिवार के साथ भेदभाव और गलत व्यवहार करते हैं। इस फिल्म में एक्टर जॉन अब्राहम ने एक सैनिक का किरदार निभाया है, जिसका कोर्ट मार्शल हो चुका है और अब अभिमन्यु वेदा के कॉलेज में असिस्टेंट बॉक्सिंग कोच के तौर पर काम कर रहा है। वेदा और उसके परिवार के साथ हो रहे अन्याय को देखकर अभिमन्यु को बहुत गुस्सा आता है, जिसके बाद वह वेदा की मदद करने का फैसला लेता है। अभिमन्यु वेदा को बॉक्सिंग में ट्रेन करता है और न्याय की लड़ाई में उसके साथ रहता है।

क्या है खास

‘वेदा’ फिल्म में दलित समुदाय की कड़वी सच्चाई को बड़े ही शानदार तरीके से बड़े पर्दे पर उकेरा गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे भारत की आजादी के 78 साल बाद भी जाति व्यवस्था और भेदभाव में अपनी जड़ें मजबूत कर रखी हैं। फिल्म में जॉन अब्राहम की धमाकेदार एंट्री कहानी पर गहरा प्रभाव डालती है। वेदा के रोल में शर्वरी वाघ ने अपनी परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस फिल्म में एक्टर अभिषेक बनर्जी नेगेटिव रोल निभा रहे हैं।

बीएल का फैसला

एंटरटेनमेंट न्यूज के अनुसार जॉन अब्राहम और शर्वरी वाघ स्टारर फिल्म ‘वेदा’ के गाने दर्शकों को काफी डिस्ट्रैक्ट कर रहे हैं। यह स्टोरीलाइन के साथ सही ढंग से फिल्म में अपनी जगह नहीं बना पाए। फिल्म के पहले हाफ में एक्शन सीक्वेन्स बेहद ही शानदार हैं लेकिन दूसरे हाफ में इतने अधिक एक्शन सीन दिखाए गए हैं कि फिल्म की कहानी भी धीमी हो जाती है। सेकंड हाफ में ऐसा लगता है कि मानों मेकर्स फिल्म के असल जाति भेदभाव के मुद्दे से भटक गए हों। क्लाइमैक्स में इमोशंस का बड़ा अभाव है। फिल्म की बारीकियों के देखते हुए बॉलीवुडलाइफ की तरफ से जॉन और शर्वरी की ‘वेदा’ को 2.5 स्टार्स दिए जाते हैं।



Summarize this content in Hindi to 300 words मूवी का नाम: वेदा कास्ट: जॉन अब्राहम, शर्वरी वाघ और अभिषेक बनर्जी डायरेक्टर: निखिल आडवाणी कहां देखें: थिएटर में’वेदा’ की कहानी निखिल आडवाणी के निर्देशन में बनी फिल्म ‘वेदा’ की कहानी राजस्थान के बारमेड़ में सेट की गई है, जहां वेदा यानी शर्वरी वाघ अपने परिवार के साथ रहती है। दलित समुदाय से होने के कारण ऊंची जाति के लोग वेदा और उसके परिवार के साथ भेदभाव और गलत व्यवहार करते हैं। इस फिल्म में एक्टर जॉन अब्राहम ने एक सैनिक का किरदार निभाया है, जिसका कोर्ट मार्शल हो चुका है और अब अभिमन्यु वेदा के कॉलेज में असिस्टेंट बॉक्सिंग कोच के तौर पर काम कर रहा है। वेदा और उसके परिवार के साथ हो रहे अन्याय को देखकर अभिमन्यु को बहुत गुस्सा आता है, जिसके बाद वह वेदा की मदद करने का फैसला लेता है। अभिमन्यु वेदा को बॉक्सिंग में ट्रेन करता है और न्याय की लड़ाई में उसके साथ रहता है।क्या है खास ‘वेदा’ फिल्म में दलित समुदाय की कड़वी सच्चाई को बड़े ही शानदार तरीके से बड़े पर्दे पर उकेरा गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे भारत की आजादी के 78 साल बाद भी जाति व्यवस्था और भेदभाव में अपनी जड़ें मजबूत कर रखी हैं। फिल्म में जॉन अब्राहम की धमाकेदार एंट्री कहानी पर गहरा प्रभाव डालती है। वेदा के रोल में शर्वरी वाघ ने अपनी परफॉर्मेंस से दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस फिल्म में एक्टर अभिषेक बनर्जी नेगेटिव रोल निभा रहे हैं।बीएल का फैसला एंटरटेनमेंट न्यूज के अनुसार जॉन अब्राहम और शर्वरी वाघ स्टारर फिल्म ‘वेदा’ के गाने दर्शकों को काफी डिस्ट्रैक्ट कर रहे हैं। यह स्टोरीलाइन के साथ सही ढंग से फिल्म में अपनी जगह नहीं बना पाए। फिल्म के पहले हाफ में एक्शन सीक्वेन्स बेहद ही शानदार हैं लेकिन दूसरे हाफ में इतने अधिक एक्शन सीन दिखाए गए हैं कि फिल्म की कहानी भी धीमी हो जाती है। सेकंड हाफ में ऐसा लगता है कि मानों मेकर्स फिल्म के असल जाति भेदभाव के मुद्दे से भटक गए हों। क्लाइमैक्स में इमोशंस का बड़ा अभाव है। फिल्म की बारीकियों के देखते हुए बॉलीवुडलाइफ की तरफ से जॉन और शर्वरी की ‘वेदा’ को 2.5 स्टार्स दिए जाते हैं।

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